सुविचार 365

गुरुवार, 30 अप्रैल 2020

हारना बुरा नहीं है, पर हार मान बैठना अवश्य बुरा है। शरीर में बढती उम्र के कारण झुर्रियां बाद में आएंगी, पर हार मान लेने से आत्मा में उसी पर झुर्रियां आ जाती हैं।


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बुधवार, 29 अप्रैल 2020

बाप कमाई से क्या ऐश करना! आप कमाई से ऐश करो तो पता चलेगा कि पैसा नल से बहकर नहीं आता। उसके लिए खून-पसीना एक करना पड़ता है।


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मंगलवार, 28 अप्रैल 2020

जो हाथ का सच्चा और बात का पक्का, समझिए वह इंसान सबसे अच्छा।


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सोमवार, 27 अप्रैल 2020

हर्ष के आंसू हृदय को आनंदित करते हैं, शोक के आंसू मन को दुखी करते हैं, पश्चाताप के आंसू हृदय को शुद्ध करते हैं, पर करुणा के आंसू हमें सच्चा इंसान बनाते हैं।


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रविवार, 26 अप्रैल 2020

परिवार अंगूर के गुच्छे की तरह होता है। साथ रहेंगे तो अंगूर की कीमत 100 रुपए किलो होगी, गुच्छे से टूट गए तो कीमत दस रुपए भी नहीं रहेगी।


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शनिवार, 25 अप्रैल 2020

अच्छे के साथ अच्छे बनिए, पर बुरे के साथ बुरे नहीं। क्योंकि हीरे से हीरा तो तराशा जा सकता है, पर कीचड़ से कीचड़ साफ नहीं किया जा सकता।


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शुक्रवार, 24 अप्रैल 2020

संसार में सबसे अच्छा या बुरा स्वाद शब्दों का होता है। बोलने से पहले अपने हर शब्द का स्वाद चख लीजिए। जिसका स्वाद हमें स्वयं को ही अच्छा नहीं लगता, उसक स्वाद दूसरों को कैसे अच्छा लग सकेगा।


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गुरुवार, 23 अप्रैल 2020

आचार अगर निर्मल हैं तो तन भी एक मंदिर हैं। विचार अगर निर्मल है तो धन भी एक मंदिर है। से तीनों निर्मल हैं तो अपना जीवन ही एक मंदिर है।


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बुधवार, 22 अप्रैल 2020

चाहे दिन की शुरुआत करनी हो या समापन, एक अच्छी पुस्तक का सहारा जरूर लीजिए। पुस्तकें जीवन का वह खजाना होती हैं जो हमारे नरक को भी स्वर्ग में और अंधेरे को भी उजालों से भरने की ताकत रखती हैं।


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मंगलवार, 21 अप्रैल 2020

दुनियां में तीन तरकी कमाई होती है - 1. बाप की कमाई 2. पाप कमाई 3. आप कमाई। पाप की कमाई से बचो, बाप की कमाई से पांव पर खड़े होओ, आप कमाई से गौरव हासिल करो।


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सोमवार, 20 अप्रैल 2020

कोई मेरा बुरा करे यह उसका कर्म। मैं किसी का बुरा न करूं यह मेरा धर्म।


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रविवार, 19 अप्रैल 2020

जीवन जीने का सार तभी तक है जब तक इज्जत है। इज्जत चले जाने के बाद जीना तो मरने से भी बदतर है।


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बुधवार, 1 अप्रैल 2020

इंसान में जब तक 'पशु' जिन्दा है, तब तक हर नारी को मर्यादा की लक्ष्मण-रेखा में रहना ही उचित है। मर्यादा का अतिक्रमण करने वाले सावधान रहें, रावण लूटने की ताक में बैठा है।


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