सुविचार 365
गुरुवार, 23 अप्रैल 2020
आचार अगर निर्मल हैं तो तन भी एक मंदिर हैं। विचार अगर निर्मल है तो धन भी एक मंदिर है। से तीनों निर्मल हैं तो अपना जीवन ही एक मंदिर है।
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