रविवार, 10 मई 2020

अपनी दो हथेलियों में ही अपना मजहब स्थापित कर लीजिए। जब हथेलियां ईश्वर की याद में जुड़ जाएं तो समझो आज पूजा हो गई और किसी की मदद में आगे बढ जाएं तो समझो आज दुआ हो गई।


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