मंगलवार, 23 जून 2020

चार किताबें ज्रूादा पढ लीं तो इसका मतलब यह नहीं कि हम अपनी मां का तिरस्कार करें। मां का सम्मान तो तीर्थंकर और पैगम्बभी करते थे, फिर हमें कैसी हेकड़ी...?


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