शुक्रवार, 17 जुलाई 2020

हम यह तो चाहते हैं की हमारे बच्चे राम - लक्ष्मण जैसे और बहुएँ सीता - उर्मिला जैसी हों, पर हम यदि अपने पीतल जैसे स्वभाव को नहीं बदलेंगे तो अपने सोने जैसे बच्चे - बहुओं को भी खो बैठेंगे।


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