सुविचार 365
मंगलवार, 5 नवंबर 2019
ज़िंदगी एक बॉंसुरी है। उसमें दुख रूपी छेद तो बहुत सारे हैं पर जिसको बॉंसुरी बजानी आ जाती है वह उन छेदों में से भी मीठा संगीत पैदा कर लेता है।
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