मंगलवार, 5 नवंबर 2019

ज़िंदगी जलेबी की तरह होती है। यह टेढ़ी-मेढ़ी जरूर होती है पर मुस्कान की चासनी अगर हम लगाते रहेंगे, तो यह भी सबको मधुर लगेगी।


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