सुविचार 365

बुधवार, 26 अगस्त 2020

अकेले हम काग़ज हैं, मिल जाएँ तो किताब हैं। अकेले हम अल्फाज हैं, मिल जाएँ तो लाज़वाब हैं। अकेले हम ईंट हैं, मिल जाएँ तो इमारत हैं। अकेले हम हाथ हैं, मिल जाएँ तो पूजा-इबादत हैं।

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मंगलवार, 25 अगस्त 2020

ऊँचा उठने के लिए परिंदे को पँखों की ज़रूरत होती है और इंसान को नम्रता की। आगे बढ़ने के लिए नरम होना पहली आवश्यकता है, गरम होने पर तो सफलता के पंख जल जाते हैं।

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मंगलवार, 18 अगस्त 2020

सफलता की प्रेरणा उस नन्ही चींटी से लें जो दाना लेकर दीवार पर चढ़ती है, सौ बार फिसलती है, फिर भी मंजिल तक पहुँच ही जाती है। सच में, लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

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सोमवार, 17 अगस्त 2020

चाहे कड़वा बोलो या मीठा, दोनों में ज़ुबान ही चलानी पड़ती है, फिर क्यूँ न मीठा बोला जाए। मीठा बोलने वाले की तो मिर्ची भी बिक जाती है वहीं कड़वा बोलने वाले की तो मिश्री भी पड़ी रह जाती है।

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रविवार, 16 अगस्त 2020

आगे बढ़ने की एक ही फिलोसाॅफी है - निरंतर अभ्यास। अभ्यास गर लगातार किया जाए, तो एकलव्य भी अर्जुन और बाॅल-बल्ला खेलने वाला भी आॅल राउंडर कपिल और सचिन बन सकते हैं।

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शनिवार, 15 अगस्त 2020

टीचर जब हमारे बच्चों का वेरी गुड और शाबाश कहते हैं, तो उन्हें बहुत अच्छा लगता है। हम भी टीचर जैसे पाॅजिटिव शब्दों को दोहराएँ तो बच्चों की प्रगति 10 गुना ज्यादा रफ्तार पकड़ लेगी।

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शुक्रवार, 14 अगस्त 2020

माँ और मातृभूमि दोनों को समान भाव से नमन कीजिए, क्योंकि से दोनों ही हमें स्वर्ग से मिले हुए वरदान हैं।

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गुरुवार, 13 अगस्त 2020

हम विद्यालयों में तो अनुशासन का पालन करते हैं, पर घर में उसे नज़रअंदाज क्यूँ कर देते हैं? बिना अनुशासन का जीवन तो वैसा ही हो जाएगा जैसे बिना डोर की पतंग।

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बुधवार, 12 अगस्त 2020

अपने आपको मदर टेरेसा बनाना जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य है, पर अगर हम ऐसा न भी कर पाएँ तब भी किसी भूखे को रोटी खिला ही सकते हैं और किसी गरीब बच्चे को पढ़ा भी सकते हैं।

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मंगलवार, 11 अगस्त 2020

चाहे 10 मिनट ही सही, अच्छी पुस्तक अवश्य पढ़िए। स्वयं को मोटिवेट करने के लिए ज्ञान का एक वचन भी लक्ष्य तक पहुँचने में तीर का काम कर सकता है।

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