सुविचार 365

शुक्रवार, 31 जुलाई 2020

ज़िन्दगी बाँसुरी की तरह है जिसमें बाधाओं के छेद कितने भी क्यूँ न हों, पर जिसे इसे बजाना आ गया, समझो उसे जीना आ गया।

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गुरुवार, 30 जुलाई 2020

कहते हैं हर इंसान का अन्तिम ठिकाना भगवान का घर है। अच्छा होगा हम कुछ अच्छे कर्म कर लें क्योंकि किसी के घर खाली हाथ नहीं जाया करते।

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बुधवार, 29 जुलाई 2020

तय कीजिए कि हम जीवन को सुख से जीना चाहते हैं या पैसा कमाने के लिए? अगर सुख से जीना चाहते हैं, तो शांति और संतोष का आनन्द लीजिए और पैसे के लिए जीना चाहते हैं, तो मरते दम तक घिसते रहिए।

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मंगलवार, 28 जुलाई 2020

स्वर्ग का राज्य हमारे भीतर ही है, पर केवल पवित्र हृदय वाला ही इस राज्य को देख सकता है। हृदय को शुद्ध करना है, तो अपने हृदय में प्रभु का ध्यान कीजिए।

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सोमवार, 27 जुलाई 2020

अपने फ्लेट और मकान को केवल पत्थरों ओर इंटीरियर डेकोरेशन से ही मत सजाइए। कुछ पेड़-पौधे भी लगाइए। इससे सुन्दरता तो बढ़ेगी ही, वातावरण भी स्वर्ग जैसा सुखदायी बनेगा।

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रविवार, 26 जुलाई 2020

अपनी ज़िन्दगी से शिकवा मत पालिए। अभी हम जहाँ हैं, वहाँ तक पहुँचना भी अनेक लोगो का सपना होता है। जो है, जैसा है, अगर उसे भी ख़ुशी से जी लें, तो अभी भी हमारे पास जीने को बहुत है।

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शनिवार, 25 जुलाई 2020

मुक्त बनिए, मूच्र्छित नहीं। मूच्र्छा और मुक्ति में इतना-सा-फर्क है कि जिसने कागज को धन समझ लिया वह मूच्र्छित हो गया और जिसने धन को कागज समझ लिया वह मुक्त हो गया।

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शुक्रवार, 24 जुलाई 2020

अच्छा खाइए अन्न, ताकि अच्छा रहे मन। अच्छा रहेगा मन, तो मिल जाएंगे भगवन। अपना आहार बनांए - शाकाहार। शा = शांति, का = कारक, हा = हानि, र = रहित।

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गुरुवार, 23 जुलाई 2020

हर एक की सुनिए, हर एक से सीखिए। यह सच है कि हर कोई व्यक्ति सब कुछ नहीं जानता, पर हर एक व्यक्ति कुछ-न-कुछ जरूर जानता है।

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बुधवार, 22 जुलाई 2020

बदला लेने की नहीं, बलिक बदलाव लकी कोशिश कीजिए। बदला लेने की सोचेंगे तो कल वह हमसे बदला लेगा, पर बदलाव लाने का प्रयास करेंगे तो कल वह हमसे बदला लेगा, पर बदलाव लाने का प्रयास करेंगे तो कल वह हमारा हितैषी बन जाएगा।

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मंगलवार, 21 जुलाई 2020

अगर वो हमसे बात नहीं करते तो हम आगे बढ़कर बात कर लें। चार मीठे शब्द बोल लेने से हमारी सल्तनत कम नहीं हो जाने वाली।

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सोमवार, 20 जुलाई 2020

जिन्दगी को यदि समझना है तो अतीत में झाँककर देखिए, पर अगर जिन्दगी को जीना है तो भविष्य पर गौर कीजिए। ‘बीती ताहि बिसारि दे, आगे की सुध लेह।’

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रविवार, 19 जुलाई 2020

जीवन में कोई भी खुशी आए, तो उसे मिठाई समझकर स्वीकार कर लीजिए, पर कोई गम आ जाए, तो उसे दवाई समझकर निगल जाइए।

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शनिवार, 18 जुलाई 2020

जब भी लगे की हम चिंता, तनाव या अवसाद से बोझिल हैं, स्वयं को 7 दिन के लिए प्रकृति के आँचल में ले जाइए। बहते झरने, खिलते फूल और उड़ती तितलियाँ हमारा सारा टेंसन दूर कर देंगी।


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शुक्रवार, 17 जुलाई 2020

हम यह तो चाहते हैं की हमारे बच्चे राम - लक्ष्मण जैसे और बहुएँ सीता - उर्मिला जैसी हों, पर हम यदि अपने पीतल जैसे स्वभाव को नहीं बदलेंगे तो अपने सोने जैसे बच्चे - बहुओं को भी खो बैठेंगे।


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गुरुवार, 16 जुलाई 2020

लोग उपवास करते हैं केवल अन्न का। हम उपवास करें गलत वचन और गलत व्यवहार का। हम ऐसा करके देखें, हमारा उपवास अन्न के उपवास से ज्यादा पावरफुल होगा।


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बुधवार, 15 जुलाई 2020

हम अपने जीवन में आगे बढ़ेंगे तो अपने सत्कर्मों की वजह से और पीछे रहेंगे तो अपनी कमजोरियों की वजह से। रोज़ एक चुटकी जितना ही सही, सत्कर्म अवश्य कीजिए।


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मंगलवार, 14 जुलाई 2020

जिनका मन छोटा होता है वे कहते हैं - यह मेरा है वह तेरा है, बड़ी सोच वाले तो कहते हैं 'वसुधैव कुटुंबकम' यानि साडी धरती मेरा परिवार है।


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सोमवार, 13 जुलाई 2020

किसी की आलोचना करनी हो तो 1 मिनट कीजिए, पर प्रशंसा करनी हो तो 10 मिनट कीजिए। आलोचना अकेले में कजिए, पर प्रशंसा सबके सामने। आलोचना करते समय कंजूस बन जाइए और प्रशंसा करते समय दानवीर।


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रविवार, 12 जुलाई 2020

अपनी औकात बढ़ाइए। जब बीन बजाने में हम उस्ताद हो जाएँगे तो सांप - नेवले अपने आप ही हमारे वश में हो जाएँगे।


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शनिवार, 11 जुलाई 2020

शुभ कार्यों में खाना उतना ही बनाएं कि बचने पर उसे फेंकने की नौबत न आए। अन्न को कूड़ेदान में फेंकना तो अन्नदाता का अपमान है और अन्नदाता का अपमान करके हम किसी भी कार्य को 'शुभ' कैसे कह सकते हैं।


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शुक्रवार, 10 जुलाई 2020

नशा नाश की ओर ले जाता है। नशा चाहे जैसा हो बेकार ही होता है। यह शरीर को काटता है और कैंसर को न्यौता देता है। मन को मजबूत कीजिए और नशे को आज ही छोड़ दीजिए।


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गुरुवार, 9 जुलाई 2020

बदन में हर समय दर्द रहता हैं तो रोजाना 10 मिनट डीप ब्रिदिंग का अभ्यास कीजिए। डीप ब्रिदिंग सबसे अच्छा पेन किलर है जो सौ बिमारियों की एक दवा है।

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बुधवार, 8 जुलाई 2020

हम अपने फिल्ड के कितने भी बड़े मास्टर क्यों न हो गए हों, फिर भी स्वयं को हमेशा विद्यार्थी बनाकर रखिए, ताकि ज्ञान का उजाला पाने की खिड़कियां हमारे लिए हमेशा खुली रहें।


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मंगलवार, 7 जुलाई 2020

जीवन को सिस्टेमेटिक बनाने क लिए पाँच सूत्र लागू करें : 1. सुबह जल्दी जगें 2. हर कार्य सुव्यवस्थित करें 3. टाइम मैनेजमेंट लगो करें 4. स्वभाव सॉफ्ट बनाएँ 5. आज के काम को आज करें।


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सोमवार, 6 जुलाई 2020

रावण को बोलना नहीं आता था सो विभीषण को खो दिया। राम को बोलना आता था सो दुश्मन के भाई को भी अपना बना लिया। हम सलीके से बोलें कि राम के नए संस्करण बन जाएँ।


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रविवार, 5 जुलाई 2020

जहाँ इज्ज़त नहीं, वहाँ जाएँ नहीं। जो पचता नहीं, उसे खाएँ नहीं। जो सुनता नहीं, उसे समझाएँ नहीं। जो सत्य पर रूठे, उसे मनाएँ नहीं। मुसीबत आ जाए, घबराएँ नहीं।


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शनिवार, 4 जुलाई 2020

खाना खाने के लिए पैसा चाहिए, पर वह खाना बरकत कर सके इसके लिए पैसे का पवित्र होना निहायत ज़रूरी है।


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शुक्रवार, 3 जुलाई 2020

जब तक रखेंगे मन में खोट और पाप, तब तक बेकार जाएँगे मंत्र और जाप। मन को रखेंगे हमेशा चंगा, तो घर में उतर आएगी गंगा।


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गुरुवार, 2 जुलाई 2020

कभी फुर्सत की वेला में अपने कामों और कमियों पर विचार कीजिए, ताकि औरों को आईना दिखाने की चाहत ही ख़त्म हो जाए।


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बुधवार, 1 जुलाई 2020

जीवन के इस आखरी सच को हमेशा याद रखिए - 1. पत्नी मकान तक 2. समाज शमशान तक 3. बेटे अग्निदान तक और 4. सत्कर्म भगवान तक। हर रोज एक ही सही , पर ऐसे काम जरूर कीजिए जो हमारी ओर से भगवान को प्रिय हों।


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